राप्ती, रोहिन और आमी को प्रदूषण से बचाने को बनेंगे एसटीपी
जलनिगम और गीडा प्रशासन राप्ती, रोहिन और आमी नदी को प्रदूषण से बचाने के लिए एसटीपी का प्रस्ताव किया है। जलनिगम ने राप्ती और रोहिन नदी में गिरने वाले शहर के गंदे पानी के ट्रीटमेंट के लिए दो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का प्रस्ताव तैयार किया है। इसपर करीब 350 करोड़ लागत आने की उम्मीद है।
बुधवार को जल निगम के एक्सपर्ट एवं रिटायर चीफ इंजीनियर पीएस बोरा ने विभिन्न साइटों का निरीक्षण किया था। बता दें कि शहर के 230 नाले-नालियों का पानी रामगढ़ताल के साथ राप्ती और रोहिन नदी में गिरता है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) गंदे पानी के गिरने को लेकर सख्त है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस नगर और महेवा में बनने वाले दोनों एसटीपी की क्षमता 81 मिलियन लीटर प्रति दिन (एमएलडी) की होगी। इसके अंतर्गत सीवेज पंपिंग स्टेशनों के साथ-साथ 1361 किलोमीटर सीवर नेटवर्क का भी काम होगा। रामगढ़झील परियोजना के परियोजना प्रबंधक रतनसेन सिंह ने बताया कि नमामि गंगे योजना के तहत प्रस्ताव मंजूरी के लिए भेजा जा रहा है।
इसी क्रम में गीडा प्रशासन ने औद्योगिक कचरे से आमी नदी को बचाने के लिए सीईटीपी को लेकर 79 करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार किया है। 15 एमएलडी के सीईटीपी से औद्योगिक कचरे का शोधन किया जाएगा।