बुढ़वा मंगल पर श्रद्धालुओं ने चढ़ाई बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी
गोरखनाथ मंदिर पर बुढ़वा मंगल को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। श्रद्धालुओं ने बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाई और पूजा-अर्चना की। इसके बाद खिचड़ी मेले में पहुंचकर खरीदारी की। शहर से लेकर ग्रामीण इलाके के हनुमान मंदिरों पर भी भारी भीड़ रही। लोगों ने पूजा-अर्चना कर प्रसाद वितरित किया।
गोरखनाथ मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी। यह क्रम देर शाम तक बना रहा। शहर ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों के श्रद्धालुओं ने भी गुरु गोरक्षनाथ का दर्शन किया। खिचड़ी चढ़ाई और मेले में जाकर खरीदारी की। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ की वजह से पूरे दिन मेले में रौनक बनी रही। खेल-तमाशे वालों के यहां बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। महिलाएं, बच्चे और किशोरों ने मेले में लगे झूलों का आनंद लिया। महिलाओं और युवतियों ने सौंदर्य प्रसाधन, घरेलू सामानों की खूब खरीदारी की। खान-पान की दुकानों पर भी खूब भीड़ रही। खजला, मिठाइयां और चाट की दुकानों पर लोग पहुंचते रहे।
खिचड़ी के दिन बाबा को खिचड़ी न चढ़ा पाने वाले बुढ़वा मंगल के दिन गुरु गोरक्षनाथ के अक्षय खप्पर में खिचड़ी चढ़ाते हैं। दर्शन-पूजन व मन्नत की चीजें चढ़ाने का क्रम तो पूरे वर्ष चलता है, परंतु परंपरागत खिचड़ी बुढ़वा मंगल के बाद नहीं चढ़ाई जाती। श्रद्धालुओं ने मकर संक्रांति बाद से पड़ने वाले दूसरे मंगलवार के दिन बुढ़वा मंगल को परंपरागत श्रद्धा के साथ मनाया।
इसलिए मनाते हैं बुढ़वा मंगल
मकर संक्रांति के दिन से पड़ने वाले दूसरे मंगलवार को बुढ़वा मंगल मनाते हैं। खिचड़ी मेला शुरू होने के बाद बुढ़वा मंगल को गोरखनाथ मंदिर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। लोग विधिविधान से बाबा गोरखनाथ की पूजा करते हैं। खिचड़ी चढ़ाते हैं और परम्परागत खिचड़ी मेले का भी आनंद उठाते हैं। बुढ़वा मंगल के दिन शिवावतारी बाबा गोरखनाथ का दर्शन-पूजन विशेष महत्व का माना जाता है।